कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? महत्व व जानें जन्माष्टमी 2023 कब है?

कृष्ण जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। जन्माष्टमी का त्योहार भारत के अलावा भी विश्व के अन्य हिस्सों में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

कृष्ण जन्माष्टमी कब है 2023

जन्माष्टमी का त्योहार हर साल सितंबर या अगस्त के महीने में मनाया जाता है। 2023 में, जन्माष्टमी 7 सितंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी।

कृष्ण जन्माष्टमी का अर्थ क्या है?

हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण का जन्मदिन कृष्णष्टमी (कृष्ण जन्माष्टमी) कहलाता है। यह कृष्ण पक्ष की अष्टमी पर मनाया जाता है।

गोकुलाष्टमी भी कहलाता है। यह भारत भर में मनाया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी या कृष्ण जयंती भी कहलाता है।

माना जाता है कि भगवान कृष्ण का जन्म लगभग 3112 ईसा पूर्व आधी रात को हुआ था। उस रात अष्टमी तिथि (चंद्रमा का आठवां चरण) था।

जन्माष्टमी का महत्व

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव है। भगवान श्रीकृष्ण को हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। भगवान श्रीकृष्ण को नटखट, चंचल और लीलाधर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने जीवन में कई लीलाएं कीं, जिनसे उन्होंने दुनिया को धर्म और न्याय का पाठ पढ़ाया।

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं, भजन गाते हैं, कथा सुनते हैं, और प्रसाद ग्रहण करते हैं। जन्माष्टमी के दिन कई जगहों पर विशेष आयोजन भी किए जाते हैं, जैसे कि दही-हांडी प्रतियोगिता, रासलीला, और झांकी प्रदर्शन।

भगवान श्रीकृष्ण ने अपने बचपन में कई लीलाएं कीं, जिनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध हैं:

  • उन्होंने कंस को मार डाला, जो मथुरा का अत्याचारी राजा था।
  • उन्होंने गोकुल के गोपियों के साथ रासलीला की।
  • उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाया।
  • उन्होंने अर्जुन को महाभारत के युद्ध में जीत दिलाने में मदद की।

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और लीलाओं की याद करने का समय है। यह एक समय है जब भक्त भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हैं और उनके आशीर्वाद मांगते हैं।

जन्माष्टमी की तैयारियां

जन्माष्टमी के दिन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है और उन्हें फूलों, माला, और प्रसाद से सजाया जाता है। जन्माष्टमी के दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं।

जन्माष्टमी के दिन की रस्में

जन्माष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है। फिर, भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण को फूल, माला, प्रसाद, और मिठाइयां अर्पित की जाती हैं। भगवान श्रीकृष्ण की आरती की जाती है और भजन गाए जाते हैं।

जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनते हैं। जन्माष्टमी के दिन कई जगहों पर दही-हांडी प्रतियोगिता, रासलीला, और झांकी प्रदर्शन भी किए जाते हैं।

जन्माष्टमी के दिन की कुछ खास बातें

  • जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को स्थापित करने से पहले, उन्हें विशेष रूप से स्नान कराया जाता है।
  • जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को हलवा, पूरी, और अन्य मिठाइयां अर्पित की जाती हैं।
  • जन्माष्टमी के दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की कथा सुनते हैं और उन्हें गाते हैं।
  • जन्माष्टमी के दिन कई जगहों पर दही-हांडी प्रतियोगिता, रासलीला, और झांकी प्रदर्शन किए जाते हैं।

जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है?

जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का त्योहार है। श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, और उन्हें भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है। श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जब उनके पिता वासुदेव और माता देवकी ने उन्हें अपने मामा कंस से बचाने के लिए गोकुल में यशोदा और नंद के घर छोड़ दिया था।

जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है?

जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन, हिंदू मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है। भक्त भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं, उनके भजन गाते हैं, और उनकी लीलाओं की कथाएँ सुनते हैं।

जन्माष्टमी के दिन, कई जगहों पर विशेष आयोजन किए जाते हैं। इनमें शामिल हैं:

  • भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को झूलों पर झूलाना
  • रासलीलाओं का प्रदर्शन
  • दही-हांडी प्रतियोगिताएं

जन्माष्टमी के दिन, कई तरह के आयोजन भी किए जाते हैं, जैसे कि रासलीला, दही-हांडी, और मटकी फोड़ प्रतियोगिता। रासलीला एक पारंपरिक नृत्य है, जो भगवान कृष्ण और उनकी सखियों की लीलाओं को दर्शाता है। दही-हांडी एक लोकप्रिय खेल है, जिसमें दोनों टीमों के सदस्य एक-दूसरे के ऊपर मटके में भरा दही फेंकते हैं। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में, एक ऊंची छत पर रखी गई मटकी को पानी के बर्तनों का इस्तेमाल करके तोड़ा जाता है।

People Also Search:

  • Krishna Janmashtami
  • Janmashtami
  • janmashtami kab hai
  • Krishna Janmashtami 2023
  • janmashtami kab hai 2023
  • janmashtami date 2023
  • जन्माष्टमी कब है
  • Krishna
  • Happy Janmashtami
  • janmashtami kab ki hai
  • krishna janmashtami kab hai
  • when is janmashtami in 2023
  • Happy Krishna Janmashtami
  • shri krishna janmashtami
  • Sri Krishna Janmashtami
  • कृष्ण जन्माष्टमी कब है
  • जन्माष्टमी कब है 2023
  • Happy Janmashtami 2023
  • gokulashtami 2023
  • krishna janmashtami 2023 date
  • जन्माष्टमी
  • जन्माष्टमी कब की है
  • जन्माष्टमी 2023
  • when is janmashtami 2023
  • janmashtami vrat 2023
  • happy janmashtami images
  • when is krishna janmashtami
  • janmashtami wishes
  • when is janmashtami
  • shree krishna janmashtami
  • janmashtami date
Findhow.net HomepageClick Here
Follow us Google NewsClick Here

Leave a Comment