Prepaid and postpaid meaning in hindi:, difference between prepaid and postpaid: प्रीपेड और पोस्टपेड में क्या अंतर है आज हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। अगर आप इन दोनों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं तो यह लेख आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है। भारत में दो तरह के सिम का इस्तेमाल होता है, पहला प्रीपेड सिम और दूसरा पोस्टपेड सिम। भले ही दोनों देखने में एक जैसे लगते हैं लेकिन दोनों में काफी अंतर है। एक तरफ जहां प्रीपेड को आम लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, वहीं दूसरी तरफ पोस्टपेड का इस्तेमाल ज्यादातर कारोबारी करते हैं। भारत की बात करें तो ज्यादातर लोग प्रीपेड सिम का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं क्योंकि इसमें काफी अच्छी सुविधाएं मिलती हैं।

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Prepaid और Postpaid में क्या अंतर है?
इस प्रीपेड सिम में आप पहले रिचार्ज करवाते हैं, उसके बाद आप कॉल, मैसेज और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं जबकि पोस्टपेड में इसका उल्टा होता है। इसमें आप सबसे पहले कॉल करते हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, महीने के अंत में आपको एक बिल मिलता है जिसे आपको चुकाना होता है। यही इन दोनों में सबसे बड़ा अंतर है। यहां हम आपको दोनों के बीच और भी अंतर बताने जा रहे हैं। जिससे आपको इन दोनों को समझने में आसानी होगी। तो आइए जानते हैं।
प्रीपेड और पोस्टपेड में क्या अंतर है?
रिचार्ज
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया है कि प्रीपेड सिम में पहला रिचार्ज करवाना है इसके बाद ही आप इसकी सुविधा का लाभ ले सकते हैं जबकि पोस्टपेड में ऐसा नहीं है इसमें आप कॉल और जैसी इंटरनेट सुविधा का लाभ पहले ले सकते हैं।
प्रीपेड में आप जो भी रिचार्ज करवाते हैं उसकी वैधता की कोई सीमा नहीं होती है जबकि पोस्टपेड में रिचार्ज की वैधता मंथली या वर्ष में होती है। इसमें हर महीने या हर साल रिचार्ज करवाना है।
प्लांस
इसमें आम आदमियों के लिए काफी फ़ैक्स प्लान होते हैं और बिज़नेसमैन लोगो के लिए प्लान मंहगे होते हैं। सिम में पोस्टपेड्स ऑनसाइड होता है जिसमें सभी प्लान मन्हगे होते हैं लेकिन यह बिजनेसमैन लोगो के लिए भ्रम में पड़ जाता है क्योंकि बिजनेसमैन लोग बहुत अधिक कॉल और इंटरनेट का उपयोग करते हैं।
बेनिफिट
जाति सिम में यदि ज्यादा कॉल और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें कोई फायदा नहीं होता है जबकि पोस्टपेड में ज्यादा कॉल करने पर मैसेज का इस्तेमाल करने पर फायदा मिलता है। हालाकि इसमें इंटरनेट यूज़ करने की सीमा होती है जिससे ज़्यादा इंटरनेट यूज़ नहीं किया जा सकता है। दावेदारी
जहां तक पिछली बार की बात है, तो किसी भी काम करने के लिए क्रेडिट कार्ड की ट्रेन छूटती है, जबकि पोस्टपेड में पात्रता रखने के लिए क्रेडिट कार्ड की ट्रेन छूट जाती है।
बिल
इस लगातार सिम में आप किसी भी तरह का बिल नहीं भरते हैं, बल्कि संतुलन बनाए रखते हुए आप उतना ही प्रयोग कर सकते हैं, जबकि पोस्टपेड में आपको मंथली या ईयरली बिल का भुगतान करना पड़ता है।
इमरजेंसी लोन
इस स्थिरता में बैलेंसिंग खत्म होने पर 5 से 10 रुपये का इमर्जेंसी लोन लिया जा सकता है, जबकि पोस्टपेड्स में बैलेंस खत्म होने का झंझट ही नहीं रहता क्योंकि इसमें प्लान मंथली होते हैं जिनको बाद में भुगतान करना पड़ता है।