Union Budget 2023 Date:-साल 2023 का सबसे बड़ा केंद्रीय बजट यहां है। करदाताओं से कई उम्मीदें हैं जिनमें मानक कटौती में बढ़ोतरी और आयकर राहत के अलावा धारा 80सी की छूट में वृद्धि शामिल है। आयकर स्लैब दरें पिछले कुछ वर्षों से अपरिवर्तित बनी हुई हैं। कर विशेषज्ञ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में कुछ कर राहत पर नजर बनाए हुए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट 2023 पेश करेंगी। बजट से राहत की उम्मीद कर रहे करदाताओं में वेतनभोगी पेशेवर हैं।

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Budget 2023 Date
आयकर विभाग के अनुसार, 2022 में दाखिल किए गए आयकर रिटर्न (आईटीआर) का लगभग 50 प्रतिशत वेतनभोगी पेशेवरों द्वारा भरा गया था। इन करदाताओं को उम्मीद है कि बजट 2023 स्वास्थ्य सेवा और सेवानिवृत्ति के बाद के साथ-साथ महामारी के बाद के युग में किफायती आवास में दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगा।
विशेषज्ञों का यह भी अनुमान है कि सरकार हाथ में डिस्पोजेबल आय बढ़ाने के लिए रोजगार और कर आधार का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
Budget 2023 Expectation
नई प्रणाली में कर की दरें कम हो सकती हैं, लेकिन कटौती वहां समाप्त हो जाती है। मौजूदा कर कानून के तहत वे पूर्व कर योजना के तहत किसी भी जारी डिस्काउंट का दावा करते समय कर का भुगतान करना जारी रख सकते हैं।
नई कर संरचना के तहत, सात आय स्तर उपलब्ध हैं। 2.5 लाख रुपये तक की आय कराधान से मुक्त है।
5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक कमाने वालों को अपनी कमाई पर 10% टैक्स देना होगा। हर साल 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये के बीच आय वाले व्यक्तियों के लिए कर की दर 15% है।
10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये के बीच आय वालों पर 20% की कर दर लागू होती है। वहीं 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की कमाई करने वालों को अपनी कमाई पर 25 फीसदी टैक्स देना होगा।
जो लोग 15 लाख से ज्यादा कमाते हैं उनको अपनी कमाई पर 30 परसेंट टैक्स देना होगा। धारा 80 सी के तहत छूट इस ढांचे के तहत लागू नहीं होती है। नई कर प्रणाली में गृह ऋण छूट, बीमा छूट और बुनियादी कटौती शामिल नहीं है।
Budget 2023-24
वित्त मंत्रालय इसे अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर तैयार करता है। साल 2017 तक रेलवे बजट यूनियन बजट के अंदर नहीं आते थे।
2017 से, एफएम ने 1 फरवरी को सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश किया है। यह फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर बजट प्रस्तुति का अनुसरण करता है।
बजट भाषण की सामान्य अवधि 90 मिनट से 120 मिनट होती है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने 2022-22 में सबसे विस्तारित बजट भाषण लगभग 160 मिनट में दिया था।
सीतारमण से पहले जसवंत सिंह ने 2003 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था, जो 135 मिनट तक चला था।
हीरूभाई एम पटेल के नाम सबसे कम बजट भाषण का रिकॉर्ड है, जिसमें 1977 में केवल 800 शब्द बोले गए थे।
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